नफरत की आग में जलती है दिल की बातें
इसमें जाग उठते हैं दुःखों गहराई। मन की बातें धूमिल हो जाती हैं, जबकि मनुष्य जीवन के सुख-दुखों का सागर चलता रहता है. यह समझना चाहिए कि न�
इसमें जाग उठते हैं दुःखों गहराई। मन की बातें धूमिल हो जाती हैं, जबकि मनुष्य जीवन के सुख-दुखों का सागर चलता रहता है. यह समझना चाहिए कि न�
ज़िन्दगी एक उत्सव है जहाँ खुशी और दुःख दोनों ही साथ चलते हैं। कुछ लोग तो जीवन में दुनिया का राज़ जानने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन